छत्तीसगढ़

गुजरात पुल हादसा: मोरबी पुल टूटने से राजनीतिक सियासत तेज, कांग्रेस बोली- ये मानव निर्मित त्रासदी, BJP सरकार सीधे-सीधे दोषी

नईदिल्ली I गुजरात के मोरबी शहर में रविवार (30 अक्टूबर) को बड़ा हादसा हुआ. मच्छु नदी के ऊपर बना 143 साल पुराना केबल ब्रिज टूट गया. हादसे में करीब 140 लोगों की जान चली गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए. एनडीआरएफ की टीम राहत बचाव कार्य में जुटी है. दूसरी ओर इस घटना पर सियासत तेज हो गई है.

कांग्रेस के कई नेताओं ने बीजेपी पर निशाना साधा. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने इसे ”मानव निर्मित त्रासदी” करार दिया और इसके लिए सीधे तौर पर राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सवाल किया कि यह दैवीय घटना है या धोखाधड़ी का कृत्य.

दरअसल, मच्छु नदी पर बना एक सदी पुराना पुल रविवार शाम करीब साढ़े छह बजे अचानक टूट गया. इस पुल को चार दिन पहले ही मरम्मत के बाद फिर से जनता के लिए खोला गया था. पुल पर भारी भीड़ जमा हो गई थी. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, केबल पुल जब टूटा उस पर कई महिलाएं और बच्चे थे. 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष दिवस पर जनता के लिए फिर से खोलने से पहले एक निजी संचालक ने लगभग छह महीने तक पुल की मरम्मत का काम किया था.

‘प्राकृतिक हादसा नहीं मानव निर्मित त्रासदी’

मोरबी पुल हादसे को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता राज्यसभा सदस्य रणदीप सुरजेवाला ने कई ट्वीट किए. उन्होंने कहा, ‘मोरबी पुल हादसे में गई अनगिनत जानों की दर्दनाक खबर ने पूरे देश का दिल दहला दिया है. सभी शोक संतप्त परिवारों को हमारी संवेदनाएं है. यह प्राकृतिक हादसा नहीं बल्कि मानव निर्मित त्रासदी है. गुजरात की भाजपा सरकार इस जघन्य अपराध के लिए सीधे-सीधे दोषी है.’

रणदीप सुरजेवाला ने राज्य की सरकार और पीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री गुजराती भाई बहनों की ज़िंदगी की क़ीमत 2 लाख रुपये लगा कर अपनी जिम्मेवारी से पल्ला नहीं झाड़ सकते हैं, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल व मोरबी विधायक व मंत्री (बृजेश मेरजा) को बताना होगा कि जब ये पुल 26 अक्टूबर को ही मरम्मत के बाद खोला गया तो पुल कैसे गिर गया?

मोरबी पुल हादसा एक अपराधिक षड्यंत्र नहीं?

रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा से इस घटना पर कई सवाल खड़े किए. उन्होंने बीजेपी से पूछा, “क्या ये सीधे अपराधिक षड्यंत्र नहीं? भाजपा सरकार ने फिटनेस सर्टिफिकेट के बग़ैर पुल को जनता के इस्तेमाल के लिये खोलने की इजाज़त कैसे दी? क्या ये चुनाव आचार संहिता लगने से पहले आनन फ़ानन में कर वोट बटोरने के लिये किया गया? राज्य सरकार ने पुल की मरम्मत का काम कंपनी/ट्रस्ट को कैसे दिया गया? क्या उनका भाजपा से कनेक्शन (संबंध) है? क्या एक आईएएस भाजपा सरकार में रसूकदार पदों पर बैठे लोगों की आपराधिक भूमिका की जांच कर सकता है? मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल व स्थानीय मंत्री स्वयं हादसे की जिम्मेवारी कब लेंगे? गुजरात आपको कभी माफ़ नहीं करेगा.”

श्रीनिवास बीवी ने पीएम पर खड़े किए सवाल

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी भाजपा को घेरा. उन्होंने कहा, “यह दुख की बात है कि डबल इंजन वाली सरकार की शेखी बघारने वालों द्वारा बनाया गया पुल गिर गया.” युवा कांग्रेस के प्रमुख श्रीनिवास बीवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस टिप्पणी का एक वीडियो साझा किया, जब 2016 में पश्चिम बंगाल में चुनाव से पहले एक पुल गिर गया था, जिसमें पीएम ने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि यह भगवान की ओर से एक संकेत है कि किस तरह की सरकार चलाई गई तो इस पर श्रीनिवास बीवी ने एक वीडियो के साथ ट्वीट किया कि क्या प्रधानमंत्री अब इस घटना पर उसी भाषा का इस्तेमाल करेंगे.

दिग्विजय सिंह ने घटना को धोखाधड़ी का कृत्य कहा

कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने 2016 की एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट कर सवाल किया, “मोदी जी मोरबी पुल दुर्घटना दैवीय घटना है या धोखाधड़ी का कृत्य?” उन्होंने मोरबी पुल दुर्घटना पर कई ट्वीट किए. यह साफ तौर पर देखा गया कि उनका इशारा प्रधानमंत्री द्वारा की गई उस टिप्पणी की ओर था जब पीएम ने 1 मार्च 2016 को कोलकाता में विवेकानंद रोड फ्लाईओवर गिरने के बाद पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा था. उक्त दुर्घटना में भी कई लोगों की मौत हुई थी.