छत्तीसगढ़

ज्ञानवापी केस: क्या शिवलिंग का संरक्षण रहेगा बरकरार? 12 नवंबर से पहले सुनवाई करेगा SC

नईदिल्ली I वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले कथित शिवलिंग को संरक्षित करने के आदेश के मामले पर सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. हिंदू पक्ष की ओर से वकील विष्णु शंकर जैन ने सुप्रीम कोर्ट से मामले की जल्द सुनवाई की मांग की है. उन्होंने सोमवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग को संरक्षित करने का आदेश जारी किया था. यह आदेश 12 नवंबर तक ही लागू रहेगा. हिंदू पक्ष का कहना है कि उससे पहले मामले की सुनवाई की जाए.

इस पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच जल्द सुनवाई को तैयार हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 12 नवंबर से पहले मामले की सुनवाई होगी. दरअसल ज्ञानवापी परिसर में कथित शिवलिंग क्षेत्र को संरक्षित रखने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश 12 नवंबर को समाप्त हो जाएगा. इसको देखते हुए हिंदू पक्ष सुप्रीम कोर्ट से मामले में राहत की मांग करते हुए सुनवाई की मांग की है.

शिवलिंग की पूजा को लेकर 8 नवंबर को फैसला

वहीं, वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर से मिले कथित शिवलिंग की पूजा-अर्चना करने और उस स्थान पर मुसलमानों का प्रवेश बैन करने का आदेश देने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई की जाए या नहीं, इस पर फास्ट ट्रैक अदालत में सुनवाई पूरी हो गई है. अदालत इस संबंध में अपना फैसला आठ नवंबर को सुनाएगी. हिंदू पक्ष के अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी ने बताया कि भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान बनाम उत्तर प्रदेश राज्य मामले में याचिका की पोषणीयता को लेकर हिन्दू और मुस्लिम पक्ष ने अपनी-अपनी बहस पूरी कर ली थी. उन्होंने बताया, मगर किन्हीं कारणों से अदालत ने इस मामले पर आठ नवंबर तक के लिए आदेश को सुरक्षित रख लिया है.

बंद तहखानों के सर्वे की याचिका पर 2 नवंबर को सुनवाई

इसके अलावा, वाराणसी की एक जिला अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में बंद पड़े दो तहखानों के सर्वेक्षण के आलोक में हिंदू पक्ष की याचिका पर सुनवाई के लिए शुक्रवार को दो नवंबर की तारीख तय की है. इसके साथ ही, अदालत ने मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं की ओर से समय पर आपत्ति प्रस्तुत न कर पाने के लिए मुस्लिम पक्ष पर 100 रुपये का जुर्माना लगाया.

जिला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र पांडेय ने बताया, ‘हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ताओं ने इससे पहले अदालत में ज्ञानवापी परिसर में बंद पड़े तहखानों के सर्वेक्षण की अपील की थी. अदालत ने मुस्लिम पक्ष को इस संबंध में आपत्ति दर्ज कराने के लिए समय दिया था.’