छत्तीसगढ़

ऑन ड्यूटी रहते महिला पुलिस ने नवजात को दूध पिलाकर बचाई जान, हाईकोर्ट जज और पुलिस हेड ने की तारीफ

नईदिल्ली I माता-पिता के आपसी झगड़े के कारण मुश्किल में फंसे 12 दिन के नवजात बच्चे की जान बचाने के लिए एक महिला पुलिस अफसर ने उसे स्तनपान कराया. घटना के बारे में पता चलने पर राज्य के पुलिस महानिदेशक और केरल हाईकोर्ट के जज ने अफसर की तारीफ की है.

केरल राज्य पुलिस के मीडिया यूनिट से जारी प्रेस नोटिफिकेशन के अनुसार, केरल हाईकोर्ट के जज देवन रामचन्द्रन ने राज्य पुलिस हेड को लिखे गए पत्र में सिविल पुलिस अफसर एम आर राम्या की तारीफ की है और उनके अच्छे काम को करने के लिए एक प्रमाण पत्र भी भेजा है.

मां का दूध ईश्वर का वरदान 

प्रमाणपत्र में जज रामचन्द्रन ने कहा, ‘‘आज आप पुलिसिंग का सबसे सुन्दर रूप है. बेहतरीन अफसर और सच्ची मां, आप दोनों हैं. मां का दूध ईश्वर का वरदान है, जो सिर्फ एक मां दे सकती है और आपने ड्यूटी पर रहते हुए उसे दिया. आप हम सभी में भविष्य के लिए मानवता की आशा को जिंदा रखे हुए हैं.’’

इसके अलावा पुलिस प्रमुख अनिल कांत ने भी राम्या को एक प्रशस्ति पत्र दिया. उन्हें और उनके परिवार को पुलिस हेडक्वार्टर आने का न्योता दिया. बयान के अनुसार, कांत ने कहा कि राम्या के इस काम से पुलिस की छवि बेहतर हुई है.

थके हुए बच्चे को स्तनपान कराया

शनिवार (29 अक्टूबर) को नवजात बच्चे की मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उसका पति के साथ विवाद हो गया है. जिसके बाद पति बच्चे को लेकर बेंगलुरु जा रहा है. वायनाड बॉर्डर पर स्थानीय पुलिस टीम ने चेक करने के बाद बच्चे और पिता को बरामद कर लिया. थका दिखाई देने पर बच्चे को अस्पताल ले जाया गया. उसका शुगर लेवल कम था.

महिला अफसर राम्या चेवयूर पुलिस टीम का हिस्सा थीं. उन्होंने डॉक्टरों को सूचित किया कि वह नर्सिंग मां हैं और उन्होंने तुरंत स्तनपान कराकर बच्चे की जान बचाई. बाद में बच्चे को मां के पास लाया गया.