छत्तीसगढ़

बेटियों की खातिर पिता ने चेंज करवा लिया जेंडर, बोला- अब मैं ही उसकी मां हूं

नईदिल्ली I एक मां अपने बच्चों की खातिर किसी भी हद तक जा सकती है. इस बात को साबित करने वाले आपने तमाम किस्से सुने और पढ़े होंगे, लेकिन एक पिता अपनी बेटियों की कस्टडी पाने के लिए कुछ ऐसा कर गुजरा, जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. मामला इक्वाडोर का है. जब सोशल मीडिया के जरिए यह खबर लोगों तक पहुंची, तो इसे पढ़कर हर कोई दंग रह गया. आइए जानते हैं क्या है माजरा?

इक्वाडोर के एक व्यक्ति ने अपनी बेटियों की कस्टडी पाने के लिए रजिस्ट्री ऑफिस जाकर कानूनी तौर पर अपना जेंडर ही चेंज करवा लिया. पत्नी से तलाक के बाद वो अपनी बेटियों को अपने साथ रखना चाहता था. लेकिन इक्वाडोर का कानून इसके आड़े आ रहा था. 47 साल के रेने सेलिनास रामोस पत्नी से अलग हो चुके हैं. लेकिन वे अपनी बेटियों से बेइंतहा प्यार करते हैं. हालांकि, इक्वाडोर के कानूने की वजह से वे अभी भी बेटियों की कस्टडी हासिल नहीं कर पाए हैं.

रेने का कहना है कि जब बच्चों की कस्टडी की बात आती है, तो उनके देश के कानून में पिता के ऊपर मां को वरीयता दी जाती है. उन्हें लगा कि शायद पिता होने की वजह से वे बेटियों को अपने पास नहीं रख पाएंगे. इसलिए बेटियों की खातिर कानूनी तौर पर अपना जेंडर बदलवाकर वे महिला बन गए.

रेने ने लगाए गंभीर आरोप

रेने का आरोप है कि उनकी बेटियां अपनी मां के साथ खराब माहौल में रह रही हैं. उन्होंने 5 महीने से बेटियों को नहीं देखा है. लोकल मीडिया से बात करते हुए रेने ने कहा, ‘कानून कहता है कि कस्टडी का अधिकार महिला के पास है. तो लीजिए अब मैं एक महिला हूं और अब एक मां भी हूं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे पता है मैंने क्या किया है. ये गलत धारणा है कि पुरुष बच्चों की देखभाल मां से कम कर पाते हैं. मैं भी बेटियों को मां की तरह ही प्यार और सुरक्षा दे सकता हूं. रेने का कहना है, इस देश में एक पिता होना अभिशाप जैसा है. यहां पुरुषों को केवल एक प्रोवाइडर के तौर पर देखा जाता है.

LGBTQ ने जताई चिंता

रेने के जेंडर चेंज कराने के मुद्दे पर LGBTQ कम्युनिटी का मानना है कि भविष्य में इसका गलत इस्तेमाल हो सकता है. वे इस कदम से ट्रांसजेंडर राइट्स को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए कानून को लेकर चिंतित हैं.