छत्तीसगढ़

परवेज मुशर्रफ की तारीफ कर फंसे शशि थरूर, लोगों ने सोशल मीडिया पर जमकर किया ट्रोल

नई दिल्ली। अक्सर विवादों में रहने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने एक बार फिर विवादित ट्वीट किया है। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के निधन पर शशि थरूर ने संवेदना व्यक्त करते हुए उसे  शांति की ताकत बताया। इसी ट्वीट के कारण अब सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर ट्रोल किया जा रहा है। 

दरअसल, कुछ यूजर्स को उनका ट्वीट पसंद नहीं आया है। लोगों ने शशि थरूर को याद दिलाया कि परवेज मुशर्रफ के कारण ही कारगिल युद्ध हुआ था। लोगों का मानना है कि संवेदना व्यक्त करने की आड़ में शशि थरूर ने परवेज मुशर्रफ की कुछ ज्यादा ही तारीफ कर दी जो सही नहीं है।

ट्वीट में बांधा तारीफों का पुल

शशि थरूर ने ट्वीट कर कहा, “परवेज मुशर्रफ, पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति का दुर्लभ बीमारी के कारण निधन हो गया। एक समय पर भारत के एक कट्टर दुश्मन, वह 2002-2007 में शांति के लिए एक वास्तविक ताकत बन गए।”

भाजपा प्रवक्ता ने किया कटाक्ष

भाजपा प्रवक्ता शहजाद ने ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “परवेज मुशर्रफ जिन्होंने ओसामा बिन लादेन और तालिबान की प्रशंसा की थी, उन्होंने राहुल गांधी की भी प्रशंसा की थी। उन्हें एक सज्जन व्यक्ति कहा और उन्हें अपना समर्थन देने का वचन दिया। शायद यही वजह है कि शशि थरूर कारगिल के वास्तुकार और आतंकवाद के समर्थक की प्रशंसा कर रहे हैं।”

एक यूजर ने लिखा, “आपकी दीप्तिमान श्रद्धांजलि को देखते हुए, यह न केवल पाकिस्तान के लिए बल्कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए भी एक नुकसान की तरह लगता है।” वहीं, एक दूसरे यूजर ने शशि थरूर को टारगेट करते हुए लिखा, “पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष परवेज मुशर्रफ के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ।”

2008 तक संभाला राष्ट्रपति पद

79 वर्षीय परवेज मुशर्रफ एमिलॉयडोसिस से पीड़ित थे, जो पूरे शरीर के अंगों और ऊतकों में एमाइलॉयड नामक असामान्य प्रोटीन के निर्माण के कारण होने वाली एक दुर्लभ बीमारी थी। मुशर्रफ का जन्म 11 अगस्त, 1943 को दिल्ली में हुआ था। उन्होंने 1999 में देश में मार्शल लॉ लगाने के बाद मुख्य कार्यकारी का पद संभाला और 2001 से 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।

देशद्रोह के लिए फांसी की सजा

राष्ट्रपति पद से हटने के बाद दिसंबर 2013 में इनपर देशद्रोह के आरोप लगाया गया था और मार्च 2014 में इन्हें फांसी की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, बाद में उनकी सजा को निलंबित कर दिया गया था। 2016 से ही पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री परवेज मुशर्रफ दुबई में रह रहे थे। इनके परिवार ने पिछले साल एक ट्वीट के जरिए इस बात की जानकारी दे दी थी कि एक बीमारी के कारण इनके बचने के आसार बहुत कम बचे हैं।