छत्तीसगढ़

कॉलेजियम को लेकर चल रही बहस के बीच रिजिजू ने राजनीतिक संबद्धता वाले वकीलों को जज बनाने का किया समर्थन

नई दिल्ली। कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने राजनीतिक संबद्धता वाले वकीलों के जज बनने के विचार का समर्थन किया है। उनका यह विचार तब सामने आया है जब हाल ही में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों को लेकर इस विषय में खासी चर्चा हो चुकी है। रिजिजू ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट के वकील और पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल के एक ट्वीट को रीट्वीट किया।

‘संसद के सदस्य भी हो चुके हैं प्रोन्नत’

स्वराज कौशल ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘पहले राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व करने वाले संसद के सदस्यों को भी हाई कोर्ट के जजों के तौर पर प्रोन्नत किया जा चुका है। जस्टिस केएस हेगड़े और बहारुल इस्लाम को कांग्रेस का सांसद रहते हुए हाई कोर्ट का जज बनाया गया था। जस्टिस वीआर कृष्णा अय्यर केरल में कैबिनेट मंत्री थे। कौशल ने कुछ दिन पहले की अपनी पोस्ट में लिखा कि जब आप पद की शपथ ले लेते हैं तो आपको उससे बंधकर ही रहना होता है।’

‘वकीलों का एक समूह विक्टोरिया गौरी का कर रहा समर्थन’

कौशल ने अपने ट्वीट के साथ एक समाचार को भी टैग किया जिसमें बताया गया था कि मद्रास हाई कोर्ट के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से विक्टोरिया गौरी को पदोन्नत करने के प्रस्ताव को वापस लिया जाए। उनका कहना था कि गौरी का भाजपा से संबंध है और हाई कोर्ट के जज के तौर पर वह अल्पसंख्यकों पर राजनीतिक अवधारणा से जुड़ाव महसूस कर सकती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, वकीलों का एक समूह उनके जज बनने का समर्थन भी कर रहा है क्योंकि वह बहुत मेहनती और अपने पेशे के प्रति समर्पित हैं।

उल्लेखनीय है कि मद्रास हाई कोर्ट के जज के रूप में विक्टोरिया गौरी के नाम की सिफारिश पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट कलेजियम ने की थी। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट के सिक्किम के नेपालियों को आव्रजक करार देने के राज्य में जारी विरोध के बीच कानून मंत्री रिजिजू ने कहा कि राज्य सरकार के समर्थन के लिए केंद्र सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक पुनर्विचार याचिका दायर करने जा रही है। इस संबंध में राज्य सरकार पहले ही पुनर्विचार याचिका दायर कर चुकी है।