छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : CMHO कार्यालय में हुआ विवाद, हेल्थ डिपार्टमेंट के कर्मचारी नेताओं और डॉक्टर के बीच मारपीट

रायपुर : राजधानी रायपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी-CMHO कार्यालय में सरकारी डॉक्टर से मारपीट हुई है। डॉक्टर ने स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के नेताओं पर मारपीट का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज कराई है। इधर कर्मचारी संगठन की ओर से भी डॉक्टर के खिलाफ हाथ की उंगली ऐंठ देने और गाली-गलाैज की शिकायत दर्ज कराई गई है।

पुलिस के मुताबिक 14 फरवरी को शाम 7 बजे के करीब थाने पहुंचे डॉ. प्रणव कुमार वर्मा ने शिवानंद नगर निवासी श्याम सुंदर सोनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। डॉ. वर्मा के मुताबिक शाम 5 बजे के करीब वे CMHO ऑफिस में ट्रेनिंग दे रहे थे। एक लैब टेक्निशियन बोगी ने उन्हें कार्यालय प्रांगण में बुलाया। वहां जाने पर उसने कहा, तू होता कौन है कर्मचारियों के मोबाइल चेक करने वाला। उसी दौरान श्याम सुंदर सोनी ने उनके गाल पर तमाचा मारा। उनको गालियां दी। वे वहां से भागकर स्थापना शाखा में गये तो वहां नरेंद्र नाम के कर्मचारी ने उनको मारने के लिए कुर्सी उठा ली। वहां मौजूद कर्मचारियों से बीच-बचाव किया। उसके बाद वे भागकर एक कमरे में छिप गए। करीब दो घंटे तक ये कर्मचारी उनकाे घेरकर खड़े रहे। बाद में वे पिछले दरवाजे से निकलकर थाने पहुंचे।

इसके थोड़ी ही देर बाद पुलिस ने श्याम सुंदर सोनी की शिकायत पर डॉ. प्रणव वर्मा के खिलाफ उन्हीं धाराओं में FIR दर्ज कर लिया। इसमें कहा गया है, वह स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का जिलाध्यक्ष है। वे लोग शाम 5.35 बजे डॉ. प्रणव कुमार वर्मा से यह पूछने CMHO कार्यालय गये थे कि उन्होंने कर्मचारियों का मोबाइल क्यों चेक किया। इतना पूछते ही डॉक्टर उन्हें मां-बहन की गालियां देने लगे। उसके सीधे हाथ (दाहिना हाथ) की छोटी उंगली पकड़कर मरोड़ दिये। इसकी वजह से उसको बहुत दर्द हो रहा है। पुलिस ने दोनों शिकायतों पर गाली-गलौज और मारपीट का अपराध दर्ज किया है।

मारपीट के दोनों पक्षकार मोबाइल चेक करने के जिस मुद्दे पर उलझे थे वह एक हड़ताल से जुड़ा हुआ है। डॉ. प्रणव का कहना है, डीडी नगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात नर्स नम्रता सोनी, सुषमा मेश्राम और एएनएम सरस्वती परिहार ने उन्हें बताया कि वे लोग कर्मचारी संघ के कहने पर दो दिन की हड़ताल पर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि चले जाओ लेकिन वे रजिस्टर में उन्हें अनुपस्थित दिखाएंगे। बाद में उन लोगाें ने कहा, वे लोग हड़ताल पर नहीं जा रहे हैं। उसके तुरंत बाद एक कर्मचारी नेता का उनके पास फोन आया कि हड़ताल से क्यों मना कर रहे हो। मैंने उनको पूरी बात बताई। उसके बाद तीनों नर्सों से कहा कि ऑफिस की बातचीत बाहर कैसे चली जाती है। उन तीनों ने इसकी जानकारी बाहरी को देने से इन्कार कर दिया तो उन्होंने कहा, अच्छा फोन दिखा दो। उसी के लिए उन्होंने फोन देखा था।

डॉ. प्रणव कुमार वर्मा ने इस पूरे मामले की शिकायत कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे से भी की है। डॉक्टर ने पूरा विवरण देते हुए आरोपी कर्मचारी नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की मांग की। इधर छत्तीसगढ़ फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट डॉक्टर एसोसिएशन भी डॉक्टर के समर्थन में उतर गई है। एसोसिएशन ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर आरोपियों पर कार्यवाही की मांग की है।