छत्तीसगढ़

संजय राउत का हमला: सिर्फ कागजों में हटा अनुच्छेद- 370, कश्मीरी पंडितों की हत्या का BJP के पास जवाब नहीं

नईदिल्ली : शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर भाजपा पर हमला बोला है। राउत ने रविवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करना केवल कागजों पर था और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राजनीतिक हितों को पूरा करने के लिए किया गया था।

कश्मीरी पंडितों की परेशानियों का भाजपा के पास जवाब नहीं
पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के ‘रोकटोक’ कॉलम में राउत ने कहा कि इस कदम के बावजूद कश्मीरी पंडितों को उनके अधिकार नहीं मिले और भाजपा नेताओं के पास उनकी परेशानियों का कोई जवाब नहीं है।

मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर मुद्दे से ध्यान भटकाया
उन्होंने कहा, हाल ही में पुलवामा में आतंकवादियों ने एक कश्मीरी पंडित की हत्या कर दी थी, लेकिन भाजपा ने कथित शराब घोटाले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार करके समुदाय के दुख पर पानी फेर दिया (हत्या से ध्यान भटकाया गया)।

‘सिर्फ कागजों पर खत्म किए गए अनुच्छेद-370 के प्रावधान’
राउत ने कहा, जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था और रहेगा। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को केवल कागजों पर खत्म किया गया है और भाजपा के राजनीतिक हितों को पूरा करने के लिए ऐसा किया गया है।

‘कश्मीरी पंडितों ने राहुल गांधी को बताईं थीं अपनी परेशानियां’
राउत ने अपने कॉलम में कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के तहत उत्तरी केंद्र शासित प्रदेश की अपनी हालिया यात्रा के दौरान उन्होंने कश्मीरी पंडितों से मुलाकात की और समुदाय के लोगों ने उन्हें घाटी में जबरन स्थानांतरित किए जाने के बारे में बताया, सरकार उनकी सुरक्षा की गारंटी देने के लिए तैयार नहीं थी I

कश्मीरी पंडितों की हत्या के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में आयोजित करें रैली
उन्होंने यह भी कहा कि दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा कथित लव जिहाद और अन्य मुद्दों के खिलाफ हाल ही में मुंबई में आयोजित ‘हिंदू आक्रोश मोर्चा’ कश्मीरी पंडितों की हत्या के विरोध में जम्मू-कश्मीर में आयोजित किया जाना चाहिए।

‘फिर उभर रहे खालिस्तान समर्थक तत्व, आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा’
उन्होंने पंजाब में खालिस्तान समर्थक तत्वों के फिर से उभरने पर चिंता व्यक्त की और कहा कि यह आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है जिसे वहां की राज्य सरकार के हाथों में नहीं छोड़ा जा सकता।