छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : शातिर गिरोह का भंडाफोड़, फर्जी कॉल सेंटर से देश के कई कारोबारियों को लगाया करोड़ों का चूना, पुलिस ने आरोपियों को दिल्ली से किया गिरफ्तार

रायपुर। फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर देशभर में करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय दिल्ली गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। ये शातिर गिरोह लोगों को लोन दिलाने का झांसा देकर ठगी को अंजाम देता था। गिरोह के 5 पुरुष और 3 महिलाओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी 4 साल से फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे। पुलिस ने आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर रायपुर लाया।

आरोपियों ने देश के कई कारोबारियों को अपना शिकार बनाते हुए लोन उपलब्ध कराने का झांसा देकर करोड़ों रुपए की ठगी की है। आरोपियों के कब्जे से 5 नग कम्प्यूटर सिस्टम, 2 नग लैपटॉप, 20 नग मोबाईल फोन, 1 नग टैबलेट और 10 नग मोबाईल नम्बर लॉग बुक डायरी जब्त किया गया है। जब्त मशरूका की कुल कीमत पांच लाख रुपए आंकी गई है। आरोपियों से ठगी की अन्य घटनाओं के संबंध में भी पूछताछ की जा रही है। आरोपियों के खिलाफ तेलीबांधा में थाने में अपराध क्रमांक 167/2023 धारा 420, 34 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध किया गया है।

इस तरह से ठगे
प्रार्थी महफूज अंसारी ने थाना तेलीबांधा में रिपोर्ट दर्ज कराया कि वह हसन कालोनी थाना टिकरापारा जिला रायपुर में रहता है। भिलाई स्टील प्लांट में लाईजनिंग का काम करता है। प्रार्थी को दिनांक 16 फरवरी 2022 को उसके मोबाईल नंबर पर अज्ञात मोबाईल नंबर से फोन कर अपना नाम सुजाता जैन बताते हुए स्वयं को सिटी फाईनेंस बैंक मुंबई का कस्टमर मैनेजर होना बताया गया। सुजाता जैन ने प्रार्थी को लोन उपलब्ध कराने का झांसा देते हुए प्रार्थी को विश्वास में लेकर लोन संबंधी दस्तावेज तैयार कराने के लिए प्रोसेसिंग फीस के रूप में  चार हजार रुपये की मांग के साथ-साथ आधार कार्ड, पेन कार्ड एवं अन्य दस्तावेजों को व्हाट्सएप में भेजने के लिए कहा गया, जिस पर प्रार्थी आरोपी के बताये अनुसार यूनियन बैंक के खाता में चार हजार रूपये जमा कराये। इसी प्रकार प्रार्थी लोन प्राप्त करने के उम्मीद में उक्त बैंक के कर्मचारियों के फोन कर रकम की मांग करने पर अलग-अलग किश्तों में  प्रार्थी ने रकम जमा कराये लेकिन लोन नहीं मिलने पर होने पर एवं आशंका होने पर प्रार्थी ने जमा किये रकम की वापस मांग की गई तब जमा किये गये रकम को वापस लौटाने के नाम उक्त बैंक के कर्मचारियों ने प्रार्थी से जमा की हुई रकम को वापस करने के लिए पुनः रकम की मांग की गई।

इस पर प्रार्थी से फिर रकम जमा कराये गये। इस प्रकार व्यक्तियों ने प्रार्थी को लोन उपलब्ध कराने का झांसा देकर प्रार्थी को विश्वास में लेकर कुल 25,84,681 रूपये अलग-अलग बैंक खातों में प्राप्त कर प्रार्थी के साथ ठगी किया गया है। जिस पर अज्ञात मोबाइल नम्बर के धारकों के विरूद्ध थाना तेलीबांधा में अपराध क्रमांक 167/2023 धारा 420, 34 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध किया गया।  लाखों रूपये ठगी की घटना को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय प्रशांत अग्रवाल ने गंभीरता से लेते हुए अज्ञात आरोपियों की पतासाजी कर जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए निर्देशित किया।

जांच-पड़ताल के बाद दबोचा
टीम के सदस्य मामले में जांच-पड़ताल कर दिल्ली पहुंचे। दिल्ली के पटेल नगर में कैम्प कर रही टीम को आरोपियों के पटेल नगर स्थित मकान में होने की जानकारी प्राप्त हुई। जिस पर टीम के सदस्यों ने उक्त स्थान पर पहुंच कर मकान में रेड मारी। रेड  के दौरान मकान में 5 पुरूष और 3 महिला सहित समेत  कुल 8 व्यक्ति मिले। मकान में आरोपी कॉल सेंटर चला रहे थे। पूछताद  में व्यक्तियों ने अपना नाम यश वर्मा, अभिषेक कुमार झा, बृजेश कुमार, सन्नी कुमार, दिव्य गुप्ता, रंजीता यादव, रूची वर्मा एवं निशा कुमारी निवासी दिल्ली का होना बताया।  
इस कार्रवाई में निरीक्षक उमेन्द टंडन, थाना प्रभारी तेलीबांधा, एण्टी क्राइम एंड साइबर यूनिट से निरीक्षक गौरव तिवारी, प्र.आर. महेन्द्र राजपूत, चिन्तामणी साहू, रविकांत पाण्डेय, मोह. सुल्तान, गुरूदयाल सिंह, संतोष दुबे, आर. राकेश पाण्डेय, नितेश राजपूत, रवि प्रभाकर, म.आर. बसंती मौर्य, करूणा वर्मा थाना कोतवाली से उप निरीक्षक दिव्या शर्मा एवं थाना न्यू राजेन्द्र नगर से म.आर. सरला राजपूत की महत्वपूर्ण भूमिंका रही।