छत्तीसगढ़

वीडियो : भगवान से जुड़ना मतलब बुढ़ापे का काम, ये सबसे गलत सोच है…, पीएम मोदी के सामने क्या बोल गईं जया किशोरी?

नईदिल्ली : महिला दिवस और महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर शुक्रवार को भारत मंडपम में पहले ‘राष्ट्रीय रचनाकार पुरस्कार’ प्रदान किए गए। ये पुरस्कार पीएम मोदी ने उन लोगों को प्रदान किए जो अपने-अपने क्षेत्र में समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसी प्रोग्राम के तहत मशहूर कथा वाचक जया किशोरी को सामाजिक परिवर्तन के लिए सर्वश्रेष्ठ रचनाकार का पुरस्कार दिया गया है।

पुरस्कार लेते वक्त पीएम मोदी ने उनके अभूतपूर्व काम को सराहा और कहा कि आपने लोगों को गीता के बारे में बताने का बीड़ा उठाया है। तो इस पर जया किशोरी ने उनका आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ‘मैंने लोगों को गीता के बारे में बताती हूं क्योंकि मेरा बचपन इन्हीं चीजों से गुजरा है।’

‘और जो बदलाव मेरे अंदर आया है, चाहे शांति, सुकून, खुशी वो सब गीता का ही ज्ञान है और सबसे बड़ी बात है कि हमारी सोच है कि भगवान से जुड़ना तो बुढ़ापे का काम है और मुझे लगता है कि ये सबसे गलत सोच है क्योंकि हमें लगता है भगवान की सबसे ज्यादा जरूरत हम युवाओं को है, और जब मैं अपनी भौतिक लाइफ के साथ-साथ अध्यात्म का जीवन जी सकती हूं तो कोई भी इसे जी सकता है।’

जिस पर पीएम मोदी ने कहा कि ‘लोगों को लगता है कि ‘अध्यात्म का मतलब झोला लेकर चले जाना’ तो इस पर जया किशोरी ने हंसते हुए कहा कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि सबसे बड़ा ज्ञान है श्रीमदभगवत गीता, जिसका ज्ञान भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को दिया, जो कि राजा बनने वाला है और राजा से ज्यादा ऐश्वर्या किसी के पास नहीं होता है। उन्होंने कभी नहीं कहा कि अपना राज्य छो़ड़ दो। उन्होंने बस यही कहा कि अपना धर्म पूरा करो, जहां भी हो।’आपको बता दें कि इससे पहले जया किशोरी का एक मोटिवेशनल वीडियो भी वायरल हो रहा था जिसमें उन्होंने शादी क्या है और शादी की सही उम्र को लेकर बातें की थीं।

उन्होंने कहा था कि ‘शादी एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है,जिसका फैसला बहुत सोच-समझकर लेना चाहिए क्योंकि ये कमिटमेंट किसी व्यक्ति के साथ पूरे 50-60 सालों का होता है। प्रेम निस्वार्थ होता है, जहां मतलब होता है वहां पर प्यार नहीं होता है इसलिए जब आपको लगे कि आप किसी के साथ निस्वार्थ रूप से जुड़े हैं तो वो ही प्रेम है। शादी और प्रेम भरोसे पर आधारित हैं इसलिए इसका फैसला बहुत सोच-समझकर लेना चाहिए और जिस दिन किसी में आपको सही भरोसा कायम हो जाए, तभी आपको शादी का फैसला लेना चाहिए।’