छत्तीसगढ़

केंद्रीय अर्धसैनिक बलों पर ऑनलाइन ठगों की नजर, सीआरपीएफ एसआई के खाते से निकाले तीन लाख रुपये

नईदिल्ली : ऑनलाइन ठगों ने अब केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। विभिन्न बलों में ऑनलाइन ठगी के कई मामले सामने आ चुके हैं। देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल ‘सीआरपीएफ’ के जवान भी इन ठगों से बच नहीं सके हैं। ताजा मामला, सीआरपीएफ की 48वीं बटालियन के एसआई का है। ठगों ने उन्हें अपने जाल में फंसाकर पहले उनसे इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से पांच रुपये के सर्विस चार्ज का भुगतान कराया। इसके बाद उनके खाते से 2,97,615 रुपये निकल गए। बल के जवानों का कहना है, इस तरह के मामले बढ़ते जा रहे हैं।

फाइल इधर-उधर होती रहती है

ऑनलाइन ठगों द्वारा जवानों के खातों से जो राशि गायब की जाती है, उसकी वापसी की बहुत लंबी प्रक्रिया है। अधिकांश मामलों की फाइल इधर-उधर होती रहती है, लेकिन पीड़ित जवानों को उनकी राशि वापस नहीं मिलती। जवानों की मांग है कि ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई के लिए मुख्यालय की तरफ से संबंधित विभाग या एजेंसी के साथ मिलकर प्रयास किए जाएं।

फर्जीवाड़ा: सिम कार्ड का केवाईसी करा लें

सूत्रों के मुताबिक, सीआरपीएफ के एसआई के मोबाइल फोन पर 9 मार्च को एक कॉल आई थी। जो व्यक्ति कॉल कर रहा था, उसने खुद को एक दूरसंचार कंपनी के कस्टमर केयर का प्रतिनिधि बताया। प्रतिनिधि ने कहा, आप अपने सिम कार्ड का केवाईसी करा लें। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो मोबाइल नंबर बंद हो जाएगा। खास बात है कि सीआरपीएफ एसआई ने उस व्यक्ति को भांप लिया था। रतन चंद ने कहा, आप फ्रॉड तो नहीं हैं। मुझे कुछ नहीं कराना है। इतना कह कर एसआई ने फोन काट दिया। कुछ समय दूसरे नंबर से दोबारा से कॉल आती है। एसआई का नंबर बंद हो जाता है। उसे केवाईसी के लिए कहा गया। एसआई ने दूसरे नंबर से अपना सिम कार्ड ओपन कराने के लिए उसी फोन पर कॉल की। उसे जुहू एप डाउनलोड करने के लिए कहा गया।

पांच रुपये सर्विस चार्ज का भुगतान

केवाईसी अपडेट करने के बाद कॉलर द्वारा कार्मिक को पांच रुपये सर्विस चार्ज का भुगतान करने के लिए कहा गया। कार्मिक ने इंटरनेट बैकिंग से उक्त भुगतान कर दिया। इसके बाद भी एसआई का नंबर चालू नहीं हुआ। सिम कार्ड चालू न होने के कारण, कार्मिक ने दूरसंचार कंपनी के एप के माध्यम से सिम के बारे में जानकारी लेनी चाही। कार्मिक को अपने पोस्ट पेड बिल की जानकारी मिली। बिल का भुगतान करते समय कार्मिक को पता चला कि उसके खाते में कोई राशि नहीं है। बैंक खाते की जांच के दौरान मालूम हुआ कि कुछ समय पहले ही 2,97,615 रुपये धोखाधड़ी के जरिए निकाल लिए गए। कार्मिक ने मामले की शिकायत दर्ज कराई है। इसके बाद बल की तरफ से कहा गया कि इस तरह के फ्रॉड कॉल को लेकर जवान, सावधानी बरतें। वे अपना पिन, पासवर्ड, कार्ड नंबर, सीवीवी नंबर व ओटीपी आदि, किसी के साथ साझा न करें।