छत्तीसगढ़

जिस जज ने सुनाया ज्ञानवापी में सर्वे करने का फैसला, उन्हें फिर से धमकियां आनी शुरू, इंटरनेशनल नंबरों से आ रही कॉल, पहले मिला था पत्र

नईदिल्ली : वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का आदेश देने वाले जज को जान से मारने की धमकी मिली है। उन्हें इंटरनेशनल नंबर से फोन कर धमकी दी गई। जज का कहना है कि उन्हें लगातार अंतरराष्ट्रीय नंबरों से फोन कर धमकी दी जा रही हैं। इससे पहले भी उन्हें धमकी मिली थी जिससे बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। ज्ञानवापी पर फैसला देने वाले जज रवि दिवाकर फिलहाल बरेली में तैनात हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा देने का आदेश दिया था। हालांकि कुछ दिनों पहले उनके सुरक्षा कवर को घटाकर एक्स श्रेणी का कर दिया गया।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जज रवि दिवाकर और उनके परिवार को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी थी। इसके बाद उनकी सुरक्षा कम कर दी गई। फिलहाल उन्हें दो सुरक्षाकर्मी मिले हैं। उनका कहना है कि यह सुरक्षा अपर्याप्त है, क्योंकि दोनों कर्मियों के पास स्वचालित बंदूकों और आधुनिक हथियारों से लैस आतंकवादियों का मुकाबला करने के लिए हथियारों की कमी है। टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस, दिवाकर ने इस हफ्ते एसएसपी सुशील चंद्रभान घुले को एक पत्र लिखकर कहा कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय नंबरों से धमकी भरे कॉल आ रहे हैं, जो बेहद चिंताजनक है।

जज रवि दिवाकर ने 2018 के बरेली दंगों के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए वरिष्ठ मौलवी तौकीर रज़ा को कथित मास्टरमाइंड के रूप में मुकदमा चलाने के लिए बुलाया। इसके बाद 2022 में वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण का आदेश दिया। दिवाकर ने कहा कि इस सिविल केस को असाधारण केस बनाकर डर का माहौल बनाया गया। डर इतना है कि मेरा परिवार हमेशा मेरी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहता है और मैं उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं।

जस्टिस दिवाकर ने कहा कि जब मैं घर से बाहर होता हूं तो मेरी पत्नी द्वारा बार-बार मेरी जानकारी लेती है। बता दें कि पिछले साल दिवाकर के लखनऊ स्थित घर के पास से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक सदस्य को गिरफ्तार किया गया था। धमकी मामले को लेकर जज रवि दिवाकर ने बरेली के एसएसपी को पत्र लिखा है।