छत्तीसगढ़

कोलकाता में गेमिंग ऐप स्कैम केस में 6 ठिकानों पर रेड, 17 करोड़ कैश जब्त

नईदिल्ली I एंटी मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी ईडी ने एक बार फिर कोलकाता से करोड़ों रुपए की ज़ब्ती की है. शनिवार को एक बिजनेसमैन के घर से ईडी ने 17 करोड़ रुपए बरामद किए, जिसकी कई मशीनों से गिनती की गई. हालांकि अब नोटों की गिनती ख़त्म हो गई है. छापेमारी के दौरान एजेंसी ने सबसे ज्यादा 500 रुपए को नोटों की बरामदगी की.

प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को कोलकाता स्थित एक मोबाइल गेमिंग एप कंपनी के प्रमोटर के परिसर में छापेमारी की. इस दौरान ईडी को प्रमोटर के घर पर 17 करोड़ रुपए कैश मिले, जिसमें 500, 2000 और 200 रुपए करेंसी के नोट शामिल थे.अब नोटों की गिनती ख़त्म हो गई है. करीब 3 बजे ईडी ने ट्विटर पर छापेमारी की जानकारी दी थी. हालांकि, छापेमारी सुबह ही की गई थी, लेकिन रात 11 बजे के एक वीडियो में देखा जा सकता है कि कम से कम चार मशीनों को प्रमोटर के परिसर से बाहर लाया गया है.

प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि मोबाइल गेमिंग एप से संबंधित मामले में कोलकाता में छह जगहों पर छापेमारी की गई थी. सर्च ऑपरेशन के दौरान पता चला कि मामले से जुड़ी संस्थाएं नकली खातों का इस्तेमाल कर रही थीं.जांच एजेंसी ने कहा कि छापे उस मोबाइल गेमिंग एप से जुड़े हैं, जो लोगों के साथ धोखाध़ड़ी कर रही थी. ईडी ने आधिकारिक रूप से कहा कि बरामद किए गए पैसे आरोपी ने गेम के ज़रिए लोगों से ठगे थे.करोड़ों रुपए की ज़ब्ती कोलकाता स्थित एक बिजनेसमैन निसार अहद खान नामक शख्स के परिसर से हुई है. जांच एजेंसी ने गेमिंग एप की पहचान E-Nuggets के रूप में की है.

जांच एजेंसी ईडी के मुताबिक़ फरवरी 2021 में कंपनी और उसके प्रमोटर के खिलाफ कोलकाता पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज की गई थी. गेमिंग एप मामले में ईडी ने कोलकाता में पहले भी कई ठिकानों पर छापेमारी की थी.एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि गेमिंग ऐप ऑपरेटर के कुछ राजनीतिक लिंक जांच के दायरे में हैं. छापेमारी ने पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी और भाजपा के बीच मानो युद्धे छेड़ दिया है.

टीएमसी ने बिजनेसमैन को केंद्रीय एजेंसियों द्वारा परेशान करने का आरोप लगाया है, जिसे बीजेपी ने खारिज कर दिया.एजेंसी इस बात की जांच कर रही है कि क्या इस ऐप और इसके ऑपरेटरों के अन्य “चीनी नियंत्रित” ऐप के साथ संबंध थे. आमतौर पर चीनी एप अत्यधिक दरों पर लोन मुहैया कराती है और लोगों को कर्ज के जाल में फंसाती है, ईडी इसी के जांच में जुटी है कि कहीं मामले का ऐसा कोई संबंध तो नहीं है.