छत्तीसगढ़

उसने मुझे घूरा और मैं, विराट कोहली की नाराजगी देख इस्तीफा देने को तैयार थे पूर्व भारतीय कोच, खुद किया खुलासा

नई दिल्ली। साल 2015 का वो दिन, जब विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के चौथे टेस्ट में 337 रनों के बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। इस टेस्ट मैच की दोनों पारियों में भारत की तरफ से अंजिक्य रहाणे और रविचंद्रन अश्विन रियल हीरो बनकर उभरे थे। रहाणे ने दोनों पारियों में शतक जड़ा था, तो अश्विन ने सीरीज में कुल 31 विकेट चटकाए थे।

इस मैच को याद करते हुए पूर्व भारतीय फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने अपनी किताब ‘कोचिंग बियॉन्ड: माई डेज विद द इंडियन क्रिकेट टीम’ में विराट कोहली से जुड़े एक किससे को लिखा है।

दरअसल, भारतीय टीम के पूर्व फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने साल 2015 साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज से जुड़े एक किस्से का ज्रिक अपनी किताब में किया है। श्रीधर ने लिखा,“मैंने भारतीय टीम के साथ अपने कार्यकाल के शुरुआती दिनों में कुछ कठोर सबक सीखे। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2015 श्रृंखला के अंतिम टेस्ट में भारतीय टीम ने पहले ही 2-0 की बढ़त हासिल कर ली थी और पांचवे दिन चाय तक ऐसा लग रहा था कि दक्षिण अफ्रीका हमें लगातार तीसरी जीत हासिल करने से रोकने में कामयाब हो सकता है, लेकिन चायकाल के बाद मैं उस दिन सब कुछ भूल गया और मैंने सेशन शुरू होने से पहले खिलाड़ियों को फील्ड पर प्रैक्टिस नहीं करवाई।”

इसके साथ उन्होंने कहा,”जब मैंने अचानक से किसी की आवाज सुनी तो मैं एक सेकंड के लिए ठिठक गया। मैंने अपनी घड़ी पर एक नज़र डाली और मेरा दिल डूब गया। मैं तेजी से दौड़ता हुआ जमीन पर आया, लेकिन जब तक मैं ग्राउंड पर जाता तो वहां अंपायर्स पहले ही आ चुके थे और भारतीय टीम भी उनके साथ थी। विराट पीछे मुड़ा और आखिरकार उसने मुझे देख लिया। वह एक्सप्रेशनलेस थे, इस दौरान उसने अपनी हाथ फैला दिए और अपने कंधे उठा दिए। उनकी बॉडी लैंग्वेज को देखकर समझ आ रहा था कि वह क्या कहना चाहते है, उस दिन मैं फील्ड पर खिलाड़ियों को अभ्यास कराना भूल गया।”

इसक बीच उन्होंने बताया कि किंग कोहली का एक्सप्रेशन देखने के बाद मैंने फील्डिंग कोच के पद से इस्तीफा देने तक का सोच लिया था। उन्होंने बताया कि चायकाल के बाद सत्र काफी कमाल का रहा। उमेश ने शानदार गेंदबाजी की और आर अश्विन ने एबी डीविलियर्स को आउट कर मैच का रुख बदल दिया, लेकिन फिर मुझे जीत के बाद निराशा इस बात से हुई कि मैं एक बड़ी जिम्मेदारी कैसे भूल गया। कोहली का चेहरा देखकर मुझे कुछ शर्म आई और मैंने सोचा कि मुझे इस पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, लेकिन मैं आज खुश हूं क्योंकि मैंने हमेशा से ही हर काम ऐसा किया कि जैसे मेरा यह पहले दिन का काम हो।

साल 2015 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ भारत को मिली थी 337 रनों की विशाल जीत

बता दें कि दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेले गए उस टेस्ट मैच में भारत ने पहली पारी में 334 रन बनाए थे, जिसके बाद दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी 121 रनों पर ढेर हो गई। फिर मेजबान टीम ने 5 विकेट के नुकसान पर 267 रन पर पारी घोषित कर दी और साउथ अफ्रीका को जीत के लिए 481 रन का लक्ष्य मिला। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका टीम 143 रन ही बना सकी और भारत ने 337 रनों से मैच अपने नाम किया।