छत्तीसगढ़

लोक सभा चुनाव 2024: राहुल गांधी से ओवैसी ने की सीक्रेट डील? यूपी में एआईएमआईएम के चुनाव नहीं लड़ने को लेकर बड़ा दावा

नईदिल्ली : लखनऊ से करीब 13 सौ किलोमीटर दूर हैदराबाद में कांग्रेस और एआईएमआईएम के बीच सियासी खिचड़ी पकने की चर्चा काफी दिनों से चल रही है। लेकिन, उसका सबसे ज्यादा असर यूपी में दिखाई पड़ रहा है। एआईएमआईएम के एक पूर्व प्रवक्ता ने दोनों के बीच गुप्त डील होने का दावा किया है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक ऑल इंडिया इत्तेहादुल मुस्लिमीन के चीफ और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी कांग्रेस के प्रेशर में हैं। यही वजह है कि ओवैसी ने यूपी में पल्लवी पटेल के अपना दल (कमेरावादी) के साथ पीडीएम (पिछड़ा, दलित,मुस्लिम ) मोर्चा तो जरूर बना लिया है, लेकिन राज्य में किसी सीट पर उम्मीदवार नहीं उतार रहे हैं।

राहुल के दबाव में आ गए ओवैसी?
इस रिपोर्ट के मुताबिक वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के दबाव में ही ओवैसी की पार्टी यूपी मे मुसलमान वोट का बंटवारा रोकने के लिए अपने उम्मीदवार नहीं उतार रही है। माना जा रहा है कि इस डील का तेलंगाना में कांग्रेस सरकार बनने से सीधा कनेक्शन है।

हैदराबाद में अबकी बार सबसे मुश्किल चुनाव में फंसे हैं ओवैसी
दरअसल, कैसे इस बार असदुद्दीन ओवैसी हैदराबाद में अपनी सीट पर बीजेपी की तेज-तर्रार स्थानीय प्रत्याशी माधवी लता की उम्मीदवारी के चलते अपने सबसे मुश्किल चुनाव में फंसे हुए हैं। वहां कांग्रेस का परोक्ष समर्थन मिलने से भी उनकी राह आसान हो सकती है।

एआईएमआईएम के पूर्व प्रवक्ता ने किया कांग्रेस से डील का दावा
अब यूपी में ओवैसी की पार्टी के पूर्व प्रवक्ता मोहम्मद फरहान ने आरोप लगाया है कि उन्होंने कांग्रेस के साथ सीक्रेट डील कर ली है। इसी वजह से तेलंगाना में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी पुराने हैदराबाद में एआईएमआईएम के खिलाफ उम्मीदवार नहीं दे रही है, इसके बाद में ओवैसी ने यूपी में उम्मीदवार उतारने से तोबा कर लिया है।

फरहान इस महीने की शुरुआत में भी मीडिया के सामने दावा कर चुके हैं, ‘आप खुद (ओवैसी) रेवंत रेड्डी से मिलकर के कांग्रेस पार्टी के साथ इन्होंने गठबंधन कर लिया, इसी गठबंधन के तहत ये यूपी के अंदर एक भी सीट पर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।’

यूपी से ओवैसी को भेजा गया था 20 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का प्रस्ताव
बता दें कि मार्च की शुरुआत में वनइंडिया ने यूपी में ओवैसी की पार्टी के प्रवक्ता शौकत अली के हवाले से दी गई एक रिपोर्ट में बताया था कि प्रदेश इकाई ने एआईएमआईएम चीफ को राज्य की 20 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव भेजा था।

इस प्रस्ताव में ज्यादातर पश्चिमी यूपी की मुस्लिम-बहुल सीटों पर जरूर अपना प्रत्याशी देने का सुझाव दिया गया था। इस लिस्ट में- बिजनौर, मुरादाबाद, अमरोहा, संभल, सहारनपुर, जौनपुर और कानपुर जैसी सीटें शामिल थीं।

कांग्रेस के इशारे पर नाचने लगे ओवैसी-पूर्व प्रवक्ता का दावा
लेकिन, अब पार्टी के पूर्व प्रवक्ता का दावा है कि जिन्हें कांग्रेस पार्टी बीजेपी की बी टीम बताने से नहीं थकती थी, अब ओवैसी उसी कांग्रेस के इशारे पर नाचने लगे हैं। उनका दावा है कि वह कांग्रेस के कहने पर बीजेपी को हराने की साजिश में शामिल हुए हैं। हालांकि, पीडीएम मोर्चे के तहत वह प्रचार अभियान में जरूर शामिल हो रहे हैं।

तेलंगाना में जब के चंद्रशेखर राव (केसीआर) की अगुवाई में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की सरकार थी, तब एआईएमआईएम उसके करीब नजर आती थी। लेकिन, राज्य में सत्ता परिवर्तन के साथ कांग्रेस के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और ओवैसी दोनों के तेवर बदले-बदले नजर आते हैं और ओवैसी की पार्टी के पूर्व प्रवक्ता का दावा बदले समीकरण की ओर ही इशारा कर रहा है।