छत्तीसगढ़

गलवान का झूठ दिखा शेखी बघार रहे जिनपिंग, भारत को सबसे बड़ा दुश्मन मान रहा चीन!

नईदिल्ली I कल यानी 16 अक्टूबर को चीन में कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के 20वें राष्ट्रीय कांग्रेस के पहले दिन भारतीय सेना और चीनी सेना (PLA) के बीच 15 जून 2020 को गलवान में हुई झड़प की क्लिप चलाई गई. तब के चीनी मिलिट्री कमांडर को इसमें हीरो की तरह पेश किया गया. चीनी सैन्य कमांडर ने बीजिंग में आयोजित 2022 शीतकालीन ओलंपिक खेलों की मशाल भी ले रखी थी. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गलवान की खूनी झड़प को दिखाया और इसके साथ ही चीनी सेना के कौशल का प्रदर्शन किया.

इस क्लिप को दिखाने के मकसद से कहा जा सकता है कि चीन ने भारत को अपने सबसे बड़े दुश्मन के रूप में पेश किया है. जिनपिंग शासन ने गलवान संघर्ष को पीएलए की जीत के रूप में पेश करने की कोशिश की है. उसका दावा है कि इस संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवानों के मुकाबले उसके 4 सैनिक खत्म हुए थे.

भारतीय जवानों से ज्यादा मारे गए चीनी सैनिक!

हालांकि, पीएलए के कम्यूनिकेशन इंटरसेप्ट्स और हेलीकॉप्टर निकासी के आधार पर भारतीय सेना का मानना ​​है कि बर्फीली गलवान नदी के तट पर चीनी सेना के 43 से 67 के बीच जवान मारे गए. इस क्लिप के बाद के भाषण में जिनपिंग ने चीन को अधिक सैन्य और आर्थिक रूप से शक्तिशाली बनाने के अपने निरंतर प्रयासों पर जोर दिया. इस हरकत से चीन के कम्यूनिस्ट नेताओं ने भारत के प्रति अपनी नफरत को जाहिर कर दिया है. इसका असर दोनों देशों के भविष्य के रिश्तों पर भी देखा जा सकता है.

गलवान हिंसा के बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी ज्यादा बढ़ गया था. इसके बाद द्विपक्षीय संबंधों में तनाव आ गया था. दोनों पक्षों ने इसके बाद 16 दौर की वार्ता की और कुछ मुद्दों का हल निकाला. हालांकि अभी भी तनाव बरकरार है. दोनों देश लंबित विषयों के समाधान के लिए और अधिक बातचीत करने पर सहमत हुए हैं.

नापाक हैं चीन के इरादे

इससे समझा जा सकता है कि चीन पूर्वी लद्दाख में भले ही भारत के साथ सीमा विवाद निपटाने का दावा करता हो लेकिन उसके इरादे इसे बनाए रखने के हैं. वो भारतीय सेना को देपसांग के मैदानों या डेमचोक में चारडिंग नाला जंक्शन पर पेट्रोलिंग भी नहीं करने देगा. गलवान और गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स में पेट्रोलिंग प्वाइंट 14, 15, 17 पर बफर जोन बनाकर पीएलए ने पूर्वी लद्दाख में 1597 किलोमीटर लंबी एलएसी पर अपने दावे को मजबूत किया है.

झड़प में घायल हुए थे सैन्य कमांडर फबाओ

सीपीसी की कांग्रेस में चीन के सैन्य कमांडर की फबाओ पीएलए की ओर से शामिल 304 प्रतिनिधियों में शामिल थे. फबाओ जून 2020 में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ संघर्ष में घायल हो गए थे. शी और अन्य नेताओं के कार्यक्रम स्थल में ग्रेट हॉल ऑफ पीपल पहुंचने से पहले वहां बड़ी स्क्रीनों पर पीएलए के गलवान में हुए संघर्ष के वीडियो फुटेज के हिस्से चलाए गए जिसमें की फबाओ शामिल थे.

जिनपिंग ने रविवार को आगाह किया कि ताइवान को मुख्य भूभाग में फिर से मिलाने के लिए चीन ‘बल प्रयोग करने का विकल्प नहीं छोड़ेगा. इतना ही नहीं उन्होंने राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकासात्मक हितों की रक्षा के लिए देश की सेना के आधुनिकीकरण को विश्व स्तर के मानकों के अनुरूप करने का संकल्प लिया. उन्होंने कहा कि हम बल प्रयोग का विकल्प नहीं छोड़ेंगे और सभी अलगाववादी आंदोलनों को रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेंगे. ताइवान का मुद्दा चीन का मामला है. यह ऐसा मामला है, जिसे चीनियों को ही सुलझाना चाहिए.