छत्तीसगढ़

इतना चलते हैं फिर भी चेहरे का ग्लो कम क्यों नहीं हो रहा? राहुल गांधी ने खोला राज

नईदिल्ली I राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा में 14-15 किलोमीटर पैदल चलते हैं. रास्ते में वो लोगों से बातचीत करते हैं. थक गए तो कहीं नुक्कड़ पर बैठकर ‘चाय पर चर्चा’ कर ली. फुटबॉल खेलते बच्चों से भेंट हुई तो एक दो किक जमा ली और फिर चल पड़े. जब से यात्रा शुरू हुई है उनके बहुत सारे वीडियोज और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. लेकिन खाली समय में राहुल क्या करते हैं ? रात में यात्रा में शामिल सभी कार्यकर्ता आराम कर रहे थे तब राहुल गांधी उनके पास पहुंच गए और फिर शुरू हुआ बातों का सिलसिला. एक ने उनसे पूछ ही लिया कि आप खाली समय में क्या करते हैं ?

इस सवाल के पहले राहुल थोड़ा सा मुस्कराए और फिर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि यात्रा से बचे वक्त में वो एक्सरसाइज करते हैं, किताबें पढ़ते हैं, मां, बहन और दोस्तों से फोन पर बात करते हैं. उन्होंने कहा कि मां से पूछता हूं वो क्या कर रही हैं? इसके बाद एक कार्यकर्ता ने उनसे कहा कि वो यात्रा के दौरान थोड़ा धीमा चला करें ताकि हम लोग भी बराबर से चल पाएं. राहुल से बाकी यात्री कहते हैं कि आपके चेहरे पर टैनिंग नहीं दिख रही, कौन सी सनस्क्रीन इस्तेमाल करते हैं ?

इस पर राहुल ने टी-शर्ट हटाकर हाथ दिखाया कि टैनिंग हुई है पर वो सनस्क्रीन इस्तेमाल नहीं कर रहे. जबकि मां ने लगाने के लिए भेजा है. कुछ लोगों ने कहा कि आप थोड़ा स्लो चला करिए. इस पर उन्होंने कहा कि हम लोग सुबह 6.30 तक यात्रा शुरू करते हैं और 11.30 या 12.00 तक चलते हैं. अगर हम लोग स्लो चलेंगे तो फिर तेज धूप हो जाएगी. राहुल गांधी सभी लोगों से पूछते हैं कि क्या वो लोग भारत जोड़ो यात्रा को एन्जॉय कर रहे हैं तो सभी लोगों ने उनका समर्थन किया.

राहुल ने याद किया बेल्लारी से रिश्ता

भारत जोड़ो यात्रा इस वक्त कर्नाटक में हैं. कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव भी आज है. यात्रा में शामिल नेताओं से वहीं पर अपना वोट डाला. बेल्लारी में पोलिंग बूथ बनाए गए थे. राहुल यात्रा का सबसे ज्यादा वक्त कर्नाटक में ही गुजार रहे हैं. बेल्लारी में जनता को संबोधित करते वक्त उन्होंने अपने पारिवारिक रिश्ते का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि उनकी मां ने यहां से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता भी. साल 1999 में सोनिया गांधी ने बेल्लारी लोकसभा सीट से ही अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था. उनको चुनौती देने के लिए बीजेपी ने सुषमा स्वराज को खड़ा किया था. ये चुनाव बहुत ही कांटे का था. लेकिन सोनिया गांधी चुनाव जीत गईं थीं.