छत्तीसगढ़

ICC टूर्नामेंट में क्यों फ्लॉप हो रही है टीम इंडिया? रॉबिन उथप्पा ने बताई बड़ी वजह

नई दिल्ली। रोहित शर्मा की अगुवाई वाली भारतीय टीम को साल 2022 में टी-20 विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में हार का सामना करना पड़ा था। बता दें कि भारत ने अपना आखिरी विश्व कप 2011 में और आईसीसी का अपना आखिरी टूर्नामेंट 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी के रूप में जीता था।

इसके बाद से कई बार वनडे वर्ल्ड कप और टी-20 वर्ल्ड के नॉकआउट मुकाबलों में टीम टूर्नामेंट से बाहर हो गई। इसी कड़ी में भारत के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा ने टीम मैनजमैंट को इस हार का जिम्मेदार ठहराया है। हाल ही में रॉबिन ने एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने टीम इंडिया में जगह को लेकर खिलाड़ियों में असुरक्षा की भावना बताई और उनका मानना है कि इस वजह से भारत बड़े टूर्नामेंट में जीत हासिल नहीं कर पा रही है।

दरअसल, भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा ने हाल ही में भारतीय टीम के बड़े टूर्नामेंट के अहम मैचों में हारने के पीछे की वजह का खुलासा किया है। बता दें कि रॉबिन ने बताया कि नेशनल टीम में जगह को लेकर खिलाड़ियों में असुरक्षा की भावना बड़े टूर्नामेंटों के अहम मैचों में टीम के लिए घातक साबित हो रही है।

उन्होंने कहा कि ”जब तक खिलाड़ी सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे वे हमेशा अपनी जगह बचाने की मानसिकता के साथ ही खेलेंगे। मुझे लगता है कि खिलाड़ियों में टीम में अपनी जगह को लेकर सुरक्षा की भावना की कमी है। पिछले काफी समय से टीम में लगातार बदलाव हो रहे हैं। जब एक खिलाड़ी सुरक्षित महसूस नहीं करता तो वह हमेशा अपनी जगह बचाने की मानसिकता के साथ रहता है। इसके उलट जब वह जगह को लेकर आश्वस्त रहता है तो अपने प्रदर्शन पर बेहतर तरीके से ध्यान दे सकता है।”

इसके साथ ही उथप्पा ने आईपीएल का उदाहरण देते हुए कहा, आप आईपीएल को ही देख लीजिए, ज्यादातर बार ऐसी टीमों ने खिताब जीते हैं, जिसने अंतिम एकादश में कम बदलाव किए हैं। चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस की सफलता भी इस बात पर मुहर लगाते हैं।

रॉबिन उथप्पा ने कुलदीप यादव का दिया उदाहरण

रॉबिन उथप्पा ने कुलदीप यादव को लेकर उदाहरण देते हुए कहा,’बांग्लादेश टेस्ट सीरीज में मैन ऑफ द मैच लेने के बाद कुलदीप को टीम से बाहर करने से बड़े स्तर पर एक अच्छा संदेश गया है। आप कुलदीप को एक बार समझा सकते हैं, लेकिन टीम को क्या संदेश जाता है? इससे युवा खिलाड़ियों को मनोबल गिरता है और ये गलत संदेश जाता है कि मैन ऑफ द मैच लेने के बाद टीम में आपकी जगह पक्की नहीं है। उन्होंने बताया, टीम में अंदर क्या हो रहा है मुझे इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन बाहर से मुझे ऐसा ही लगता है। यह जरूर है कि हमारे पास प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन टीम में जगह को लेकर उन्हें भरोसा देना चाहिए।”