छत्तीसगढ़

चीन में कोरोना से तबाही के बीच सीरम इंस्टीट्यूट के अदार पूनावाला ने कहा, …भारत की बूस्टर वैक्सीन लें

नईदिल्ली I चीन में कोरोना महारामारी ने कहर बरपाया हुआ है. ऐसे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा है कि वो चीन से बूस्टर डोज देने के लिए बात करने पर विचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि वो कोरोना वैक्सीन कोवोवैक्स और कोविशील्ड चीन में देने पर विचार कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि चीन जल्द से जल्द इस मुसीबत से उबर कर सामने आए. ये बात उन्होंने एक खास इंटरव्यू में कही है.

उन्होंने कहा है कि चीन में इस समय जैसी स्थिति है वो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. हम कोरोना के खिलाफ इस जंग में उनकी सफलता की कामना करते हैं. दुनिया के हर देश को इस स्थिति से उबरने की जरूरत है. दुनिया के लिए भी बेहतर होगा कि चीन इस स्थिति से जल्द से जल्द उबर जाए. उन्होंने ये भी कहा कि हम चाहते हैं कि चीन राजनीति मतभेद भुलाकर पश्चिमी देशों और भारत की वैक्सीन को बूस्टर वैक्सीन के तौर पर ले.

‘चीन तक पहुंच बनाने की कोशिश’

पूनावाला ने कहा है कि हम निजी और अन्‍य माध्‍यमों से उन तक पहुंच बनाने की कोशिश कर रहे हैं. हमें अब तक पूरा रिस्‍पांस नहीं मिला है. मुझे लगता है कि वे फैसला कर रहे हैं कि किस तरफ जाना चाहिए. हमें उम्‍मीद है कि वे इस बारे में जल्‍द से जल्‍द कोई निर्णय लेंगे. हमारी ओर से उनके (चीन के) लिए कोवोवैक्‍स का ऑफर इसलिए किया गया है क्‍योंकि ओमिक्रॉन और सब वैरिएंट के खिलाफ इसने अच्‍छा काम किया है.

कोविशील्‍ड के मुकाबले इसका दो से तीन गुना अच्‍छा रिस्‍पांस है. इसी कारण से हमारे नागरिकों के लिए भी कोवोवैक्‍स ज्‍यादा अहम वैक्‍सीन है. पुराने वैक्‍सीन नए स्‍ट्रेन के लिए कम असरदायक हैं ऐसे में कोवावैक्‍स ज्‍यादा अहम है.

बूस्टर के तौर पर मिली मंजूरी

उन्‍होंने बताया कि इसे यूएसएफटीए ने इसे मंजूरी दी है. यूरोप ने भी इसे बूस्‍टर के तौर पर मंजूरी दी है. कल डीसीजीआई ने भी इसे बूस्‍टर डोज के तौर पर अप्रूव किया है. आपने किसी भी वैक्‍सीन का पहला और दूसरा डोज लिया है, तो इसे ले सकते हैं